सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

इंटरनेट पर बिश्नोई राज

बिश्नोईज्म को विश्वपटल पर पहचान दिलाने में इंटरनेट एक सशक्त जरिया बनाहै। नेट पर बिश्नोईयों को हर किसी ने चाहा तथा सम्मान दिया है। विदेशियोंकी वेबसाइटों पर भी अबबिश्नोईज्म के बारे में देखने को मिल रहा है।बिश्नोईज्यम इस पहल की शुरुवाती वेबसाइट है। इस वेबसाइट पर बिश्नोईज्मके बारे में सम्पूर्ण जानकारी को सर्वप्रथमसंग्रहीत किया गया। इंटरनेटपर बिश्नोईज्यम को अपनी पहचान दिलाने के लिए ब्लॉग भी सशक्त माध्यम बनकरउभरे हैं, इंटरनेट पर बिश्नोईज्यम और साहित्य के प्रचारक तथा साहित्यकारइन माध्यमों से निरंतर जुड़ रहे हैं।बिश्नोईज्यम के वेबसाइट व ब्लॉग जोअभी तक सामने आएं हैं, उनमें बिश्नोईज्यम कीसभ्यता(वन्यजीव व पर्यावरणरक्षण), साहित्य एवं संस्कृति के साथ-साथ दूसरे विषयों की जानकारी भीदेखने में आती है।बिश्नोईज्यम के बारे में संपूर्ण जानकारियों कोप्रस्तुत करने वालीप्रमुख वेब साईट-बिश्नोईज्यम, विश्नोई नेट, मुक्ति धाम मुकाम, बिश्नोई समाज, महत्वपूर्ण ब्लॉगस :-The unofficial yet most popular blog on Bishnoism,विश्नोई, बिश्नोई कम्युनिटी, दी बिश्नोईज्यम, विश्नोई पेजदी बिश्नोईज्यम पेज, बिश्नोई न्यूज, धोरीमन्ना टेगलाइनऔर भी बहुतसे है।इंटरनेट पर बिश्नोईज्यम की जो साहित्यिकवेब-पत्रिकाएं सामने आई हैं, वे इस प्रकार है-अमर ज्योति, बिश्नोई संदेशजम्भ साधना आदि । जांभाणी साहित्य के प्रचार-प्रसार व देश विदेश में जांभाणी साहित्य संग्रहालयों की स्थापना हेतु जांभाणी साहित्य अकादमी की स्थापना की गई है। वन्यजीव रक्षा हेतु भी कई संस्थाएं कार्यरतहै ,जो है - अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा संस्था, श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवंजीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान फेसबुक पर भी बिश्नोईयों को अत्यंत सम्मान मिला है। फेसबुक पर बिश्नोईयो का सूत्रपात करने के लिए वरिष्ठ साहित्यकार संतोष पुनिया का नाम गर्व से लिया जाता है। वहीं युवाओं के आइकन चौ. कुलदीप बिश्नोईकृपाशंकर पहलवान(बेनिवाल) और विश्व पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रेरणादायी कार्य करने वाले पर्यावरण प्रेमी खम्मुराम बिश्नोई भी इस क्षेत्र में सक्रिय है। पिछले 2 सालों से फेसबुक पर बिश्नोईयों की संख्या में इजाफा हो रहा है तथा संवाद की माध्यम पर्यावरण व वन्यजीव रक्षा बना है। फेसबुक पर मुख्यत: बिश्नोईज्यम के साहित्यिक पेज:- श्री गुरु जम्भेश्वर पेज, बिश्नोई हो? तो देखते ही लाइक करें, बिश्नोई धर्म, श्री गुरु जम्भेश्वर धाम जाम्भा, बिश्नोई कम्युनिटि Posted by: « The Tree Hugger »

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